Shri Khatu Shyam : कौन है खाटू श्याम? जानिए इनसे जुड़ी हुई सम्पूर्ण जानकारी

Shree Khatu Shyam : दोस्तों, क्या आप खाटू श्याम जाने का प्लान कर रहें है। जहाँ श्रीकृष्ण जी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। अगर हाँ, आप खाटू श्याम जी जा रहें है, तो आइये हम आपको आज बताते है कि खाटू श्याम मंदिर किस भगवान से जुड़ा है। इसके साथ जुड़ी हुई कहानी क्या है?

खाटू श्याम किस राज्य में किस जगह पर स्थित है। साथ ही खाटू श्याम कैसे जाएँ, जिससे आपके लिए वहाँ जाना भी आसन हो और आप वहाँ कैसे ठहरें, कहाँ ठहरे, जिससे आपकी यात्रा सफल हो। किस मौसम में खाटू श्याम जी के यहाँ जाये जिससे यह यात्रा आपके लिए यादगार और सूकून भरा हो।

खाटू श्याम मंदिर श्री कृष्ण भगवान के मंदिर में सबसे फेमस मंदिर है। यह मंदिर भारत देश के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में एक छोटे से गाँव खाटू में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के उन प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जिसके बारे में लोग मानते है कि यहाँ आने से भक्तों की सारी मनोकामन पूर्ण हो जाती है। खाटू श्याम मंदिर को कलियुग में बहुत मान्यता दी जाती है।

खाटू श्याम जी का एक नाम लखदातार भी कहा जाता है, जिसकी मान्यता है कि यहाँ जो भी मांगों लाखो-करोड़ों बार भी पूरी हो जाती है। खाटू श्याम मंदिर में होली से पहले फरवरी-मार्च के महीने में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें विदेशों से भी भक्त आते है। प्रत्येक वर्ष की बात करें तो 50 लाख से भी ज्यादा लोग दर्शन के लिए आते है।

आज के आर्टिकल में हम आपको खाटू श्याम जी के मंदिर की कहानी, स्थपाना और वहाँ से जुड़ी सभी जानकारियां देने जा रहें है।

खाटू श्याम का इतिहास

खाटू श्याम जी
फोटो स्रोत -Printrest

खाटू श्याम मंदिर भगवान् श्री कृष्ण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। महाभारत ग्रंथों को पढ़ा जाए तो पांडव पुत्र भीम और उनकी पत्नी नागकन्या मौरवी के पुत्र बर्बरीक से जुड़ी हुई है। बर्बरीक बचपन से ही बलशाली और शौर्यगुन से भरपूर थे। उन्हें युद्ध करने की कला भगवान् श्री कृष्ण और उनकी माता के द्वारा बचपन में ही प्राप्त हो गई थी। युवावस्था तक आते-आते उन्होंने भगवान् शिव जी को अपने तप से प्रसन्न करके तीन अद्भूत बाण प्राप्त कर लिए थे।

शिव जी के द्वारा जो बाण उन्हें प्राप्त हुए थे, वो बर्बरीक को तीनों लोकों में विजय प्राप्त करने के लिए काफी थे। जब महाभारत का युद्ध शुरू हुआ तो भगवान श्री कृष्ण इस बात को लेकर चिंतित थे कि अगर बर्बरीक युद्ध में शामिल हुए तो यह युद्ध न्यायपूर्ण नही रह पाएगा। वे पांडवों को जल्दी ही जीत दिला देंगे। इसलिए भगवान् श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धरा और युद्ध में शामिल होने जा रहे बर्बरीक को रोकने के लिए उनकी परीक्षा लेनी शुरू कर दी।

बर्बरीक ने अपनी योग्यता साबित करने के लिए एक बाण पीपल के पेड़ पर चलाया जिससे पीपल के सारे पत्तों में छेद हो गया। भगवान् श्री कृष्ण ने उनसे दान में बर्बरीक का सिर मांग लिया। बर्बरीक समझ गए कि यह कोई साधारण गरीब ब्राह्मण नही बल्कि भगवान् श्री कृष्ण है। फिर उन्होंने भगवान् से अपना वास्तविक परिचय मांगा और भगवान् के दर्शन होते ही उन्होंने ख़ुशी से भगवान् श्री कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया।

बर्बरीक ने अपना शीश फल्गुन शुक्ल पक्ष दशमी को अपने हाथों से स्नान, दान, पूजा पाठ करने के बाद दान कर दिया था। लेकिन शीश दान में देने से पहले बर्बरीक ने श्री कृष्ण से अपनी एक अंतिम इक्छा बताई की वह महाभारत का युद्ध अपने आँखों से देखना चाहते है। इसलिए भगवान् श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को ऊँची चोटी पर युद्ध देखने के लिए रख दिया था।

जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तो पांडव अपनी विजय का श्रेय लेने कि लिए आपस में वाद-विवाद करने लगे, तभी भगवान् श्री कृष्ण ने कहा कि बर्बरीक युद्ध का निर्णय बतायेंगे। बर्बरीक के शीश ने बताया कि युद्ध के दौरान भगवान् श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र से लोगों को ढेर कर रहा था और द्रौपदी महाकाली रूप में रक्तपान कर रही थी।

इस घटना के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक के कटे हुए सिर को वरदान दिया कि कलयुग में तुम मेरे श्याम नाम से पूजे जाओगे और तुम्हारे स्मरण मात्र से ही मेरे सभी भक्तो का कल्याण हो जायेगा और उन्हें धर्म तथा मोक्ष कि प्राप्ति भी होगी।

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण

खाटू श्याम मंदिर अपनी खुबसूरत वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर कई तरह के दुर्लभ पत्थरों से निर्मित है। इस मंदिर के निर्माण में पत्थर, टाइल्स, चूने के मोर्टार इत्यादि का इस्तेमाल किया गया है। खाटूश्याम मंदिर के ठीक बीचों-बीच केंद्र स्थल में प्रार्थन भवन का निर्माण हुआ है और इस जगह को “जगमोहन” नाम से जाना जाता है।

मंदिर में बाबा खाटू श्याम कि मूर्ती, गर्भ गृह में स्थापित है और प्रवेश तथा निकासी के द्वार को संगमरमर से बनाया गया है। मंदिर की प्रत्येक दीवार में पौराणिकता के प्रमाण के रूप में धार्मिक भक्तियों की कलाकृतियाँ और चित्र स्थापित है। मंदिर कि प्रत्येक दीवार पर सोने कि परते चढ़ाई गई है। मंदिर के परिसर में ही “श्याम बगीचा” स्थापित है, जो देखने में काफी मनमोहक है। यहाँ के फूल ही पूजन के लिए भगवान् को अर्पण किये जाते है। मंदिर के प्रांगन में ही श्याम कुंड स्थापित है, जहाँ भगवान का सिर खोजा गया था। जिसकी मान्यता है कि इसमें स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते है और वह मनुष्य पवित्र हो जाता है। खाटू श्याम मंदिर के पास ही गोपीनाथ और गौरी शंकर मंदिर स्थापित है, जो काफी प्रसिद्ध है।

खाटू श्याम कहाँ स्थित है?

“खाटू श्याम” मंदिर राजस्थान राज्य में सीकर जिले के रिगस टाउन के खाटू नामक जगह पर स्थित है। यहाँ जाने के लिए कार, बस और ट्रेन की भी सुविधा है।

खाटू श्याम मंदिर जाने का सही समय

वैसे तो हम कभी भी मंदिर दर्शन के लिए जा सकते है। चुकि खाटू श्याम मंदिर राजस्थान में स्थित है, इसलिए गर्मियों के मौसम में जाने से बचना चाहिए।अक्टूबर से मार्च तक का महीना खाटू श्याम जी जाने के लिए सर्वश्रेठ समय है।

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खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

खाटू श्याम मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खोले तो जाते है, लेकिन उनका समय मौसम के अनुसार अलग-अलग होता है।

गर्मियों के मौसम में मंदिर खुलने का समय – गर्मी के मौसम में सुबह 5.00 बजे से लेकर दोपहर के 12.30 बजे तक मदिर के पट खुलते है और शाम में 4.00 बजे से लेकर रात्रि के 10.00 बहे तक खुले रहते है।

सर्दी के मौसम में मंदिर खुलने का समय – सर्दी के मौसम में प्रातः 5.00 बजे से दोपहर के 1.00 बजे तक और शाम के 5.00 बजे से लेकर रात्रि के 9.00 बजे तक मंदिर के पट दर्शन के लिए खुले रहते है।

नोट – हर वर्ष फाल्गुन मास में होने वाले लक्खी मेले के समय में मंदिर के पट 24 घंटे भक्तों के दर्शन के लिए खोले जाते ह। यह त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है।

क्या आप जानते हैं कि खाटू श्याम मंदिर में आरती का समय क्या है?

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  • सर्दियों के मौसम में सुबह 5.30 बजे और गर्मियों के मौसम में सुबह 4.00 बजे प्रति दिन मंगला आरती होती है।
  • सर्दियों के मौसम में सुबह के 8 बजे और गर्मियों के मौसम में सुबह के 7 बजे प्रतिदिन श्रृंगार से सुशोभित कर आरती किया जाता है।
  • सर्दियों के मौसम में दोपहर में 12.30 बजे और गर्मियों के मौसम में शाम 12.30 बजे दोपहर में प्रतिदिन भोग आरती की जाती है।
  • सर्दियों के मौसम में शाम 6.30 बजे और गर्मियों के मौसम में शाम 7.30 बजे प्रतिदिन संध्या आरती की जाती है।
  • सर्दियों के मौसम में रात्रि के 9.00 बजे और गर्मियों के मौसम में रात्रि के 10.00 बजे प्रतिदिन विश्राम आरती की जाती है।

खाटू श्याम मंदिर कैसे जाएं?

खाटू श्याम आप मंदिर, ट्रेन, बस और हवाई जहाज से भी जा सकते है।

बस और ट्रेन से जाने का रास्ता – आप किसी भी शहर या राज्य से खाटू श्याम जाना चाहते हो तो आसानी से मंदिर दर्शन के लिए जा सकते है। यदि आप दिल्ली में हो या दिल्ली होकर जाने का प्लान कर रहें हो, ऐसे में दिल्ली से जयपुर के लिए रात्रि की बसें आसानी से मिल जाती है। चूँकि दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर के बीच की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है, ऐसे में बस से जाने में 7-8 घंटे लग जाते है। बस से जाने के लिए पहले दिल्ली से जयपुर फिर जयपुर से सीकर जाना पड़ता है। जयपुर से सीकर जाने के लिए आपको आसानी से कैब या टैक्सी मिल जाएगी।

ट्रेन से जाने का रास्ता – दिल्ली या भाया दिल्ली खाटू श्याम जाने का सबसे अच्छा ऑप्शन ट्रेन है। खाटू श्याम से निकटतम रेलवे स्टेशन “रीगस” है, जहाँ से मंदिर की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से मंदिर जाने के लिए आपको आसानी से ऑटो या कैब मिल जायेंगे।

हवाई जहाज से जाने का रास्ता – खाटू श्याम मंदिर से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर है। जयपुर से मंदिर की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है, जिसे बस, टैक्सी या कैब से आसानी से पूरी की जा सकती है।

खाटू श्याम बाबा के दर्शन कैसे करें?

खाटू श्याम बाबा जी का दर्शन आप मंदिर में जाकर या ऑनलाइन तरीके से भी कर सकते है। कोरोना काल में दर्शोको की भक्ति, आस्था को देखते हुए सरकार ने ऑनलाइन दर्शन का सिस्टम स्टार्ट कर दिया है। ऑनलाइन की सुविधा के कारण बहुत से लोगों को बाबा जी का दर्शन प्राप्त होने लगा है। बुजुर्गों,बीमार और वैसे लोग जो किसी भी कारण से मंदिर में नही जा सकते है, वैसे लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा बहुत ही लाभकारी है। इस सुविधा से अब सब लोग को बाबा जी के दर्शन प्राप्त हो जाते है। खाटू श्याम बाबा के ऑनलाइन दर्शन के लिए बुकिन मंदिर के ऑफिसियल बेवसाइट https://shrishyamdarshan.in पर कर सकते है।

खाटू श्याम में ठहरने/रुकने और खाने की व्यवस्था

खाटू श्याम में रुकने/ठहरने के लिए बहुत सारी होटलें और धर्मशाला हैं, जहाँ आसानी से रूम मिल जाते है। वैसे तो मंदिर में भंडारे होते रहते है लेकिन यदि आप बाहर में खाना चाहते है तो इसके लिए भी बहुत सारी होटलें और रेस्टोरेंट है जहाँ आपके पसंद के सारे व्यंजन मिल जायेंगे।

अंत में,

दोस्तों,  आज का आर्टिकल कौन है खाटू श्याम जानिए इनसे जुड़ी हुई सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। आशा करती हूँ कि आप सभी इस आर्कोटिकल में दी गई पसंद आएगी। यदि आप इससे संबंधित कोई जानकारी या सुझाव देना चाहे तो प्लीज़ कमेंट करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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