Delhi me ghumne ki jagah:- भारत की राजधानी दिल्ली में आधुनिक भारत के साथ ही साथ ऐतिहासिक भारत की झलकियाँ देखने को मिलती है। यही कारण है कि इसे भारत का दिल और मिनी इंडिया भी कहा जाता है। इतिहास प्रेमियों से लेकर आर्किटेक्चर प्रेमियों तक सभी के लिए दिल्ली आकर्षण का केंद्र है। भारत के विकसित शहरों में से एक दिल्ली में भारतीय संस्कृति एवं वास्तुकला के अद्भभुत नजारें देखने को मिलते है। यदि आप भी दिल्ली में घूमने का प्लान बना रहें है, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको दिल्ली में घूमने की कुछ बेहतरीन जगहों के बारें बताएंगे, जिसे देखने के बाद आपका मन प्रफ्फुलित हो जाएगा। आइये जानते है कि दिल्ली में घूमने की जगहें कौन-कौन सी है, और इनकी विशेषता क्या है? तो चलिए शुरू करते है:-
Table of Contents
- 1 दिल्ली में घूमने की बेहतरीन जगहें Delhi me ghumne ki jagah
- 1.1 1.अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple)
- 1.2 2. इंडिया गेट (India Gate)
- 1.3 3. लाल किला (Red Fort)
- 1.4 4. राष्ट्रपति भवन (President’s House)
- 1.5 5. कुतुब मीनार (Qutub Minar)
- 1.6 6. लोटस टेम्पल (Lotus Temple)
- 1.7 7. छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple)
- 1.8 8. लक्ष्मी नारायण मंदिर (Lakshmi Narayan Temple)
- 1.9 9. राष्ट्रीय रेल संग्रहालय (National Rail Museum)
- 1.10 10. हुमायूँ का मकबरा (Humayun’s Tomb)
- 1.11 11. जंतर मंतर (Jantar Mantar)
- 1.12 12. राज घाट (Raj Ghat)
- 1.13 13. जामा मस्जिद (Jama Masjid)
- 1.14 14. राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (National Zoological Park)
- 1.15 15. ओखला बर्ड सैंक्चुअरी (Okhla Bird Sanctuary)
- 1.16 16. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial)
- 1.17 17. बांग्ला साहिब (Bangla Sahib)
- 1.18 18. प्रगति मैदान (Pragati Maidan)
- 1.19 19. वेस्ट टू वंडर पार्क (Waste to Wonder Park)
- 1.20 20. कनॉट प्लेस (Connaught Place)
दिल्ली में घूमने की बेहतरीन जगहें Delhi me ghumne ki jagah
1.अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple)

Delhi me ghumne ki jagah
भगवान स्वामीनारायण को समर्पित अक्षरधाम मंदिर विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। लगभग 100 एकड़ भू-भाग में फैले इस मंदिर का निर्माण श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के द्वारा किया गया है, जिसका उदघाटन 6 नवंबर 2005 को किया गया था। यह मंदिर तीन अलग-अलग भागों में बटा हुआ है, जिसमे सांस्कृतिक कार्यक्रम, नौका विहार एवं वाटर शो का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की लगभग 11 फीट ऊँची मूर्ती स्थापित की गई है। मंदिर की वास्तुकला अपने आप में अद्भुत है, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
प्रवेश समय : सुबह के 9.30 बजे से रात्रि के 6.30 बजे तक मंदिर का दर्शन किया जा सकता है।
प्रवेश शुल्क : मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है ,लेकिन अन्य गतिविधियों जैसे: नौका विहार, वाटर शो के लिए शुल्क देना पड़ता है।
2. इंडिया गेट (India Gate)

Delhi me ghumne ki jagah
इंडिया गेट दिल्ली के केंद्र में स्थित एक 42 मीटर ऊँचा प्रवेश द्वार है, जो प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है। इस गेट का निर्माण वर्ष 1921 में शुरू हुआ जो वर्ष 1931 में पूरा हुआ। इस गेट का डिज़ाइन महान वास्तुकार एडविन लुटियंस ने तैयार किया था। इस गेट के नीचे एक अन्य स्मारक अमर जवान ज्योति का निर्माण भी किया गया है, जो 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में बनाया गया है जिसे अमर जवान ज्योति के नाम से जाना जाता है। इसमें एक ज्योति जलती रहती है जो भारतीय सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है।
प्रवेश समय : 24 X 7
प्रवेश शुल्क : यहाँ घूमने के लिए कोई शुल्क नही लगता है।
3. लाल किला (Red Fort)

Delhi me ghumne ki jagah
लाल किला दिल्ली स्थित फेमस पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसका निर्माण वर्ष 1648 में मुगल शासक शाहजहाँ के द्वारा करवाया गया था। 33 मीटर ऊँचा लाल बलुआ पत्थर से बना यह किला मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना पेश करता है, जो देश विदेश के पर्यटकों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करता है। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री इसी लाल किले पर ध्वजारोहण करते है।
प्रवेश समय : सुबह के 9 बजे से शाम के 6 बजे तक खुला रहता है ,और सिर्फ सोमवार को बंद रहता है।
प्रवेश शुल्क : भारतीयों के लिए रूपये 35/- प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए रूपये 500/- प्रति व्यक्ति।
4. राष्ट्रपति भवन (President’s House)

दिल्ली के रायसीना पहाड़ी पर स्थित राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 1912 में प्रारंभ हुआ जो वर्ष 1929 में पूरा हुआ। इस भवन का डिज़ाइन महान वास्तुकार एडविन लुटियन्स ने किया था। 340 कमरों वाला यह विशाल भवन 330 एकड़ भूमि में फैला है, जो दुनिया के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान में सबसे बड़ा है। इस भवन की वास्तुकला देखने योग्य है। इस भवन परिसर के मुख्य आकर्षणों में दीवाने-आम, दीवाने-खास और मुगल गार्डन (जिसे अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जाता है) सम्मिलित है। अमृत उद्यान पूरे वर्ष में सिर्फ दो महीने (फरवरी-मार्च) ही आम लोगो के घूमने के लिए खुलता है। यह उद्यान बहुत ही खूबसूरत है जिसमे विभिन्न प्रकार के फूल, औषधीय पेड़-पौधें लगे हुए है, इस उद्यान की सबसे बड़ी खूबसूरती इसमें लगे लगभग 250 प्रकार के गुलाब के फूल है।
प्रवेश समय : सुबह के 9 बजे से शाम के 5 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : रूपये 50/- प्रति व्यक्ति, 8 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है।
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5. कुतुब मीनार (Qutub Minar)

कुतुबमीनार दिल्ली की ऊँची ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। ईरानी वास्तुकला में निर्मित इस इमारत का निर्माण वर्ष 1193 में कुतुबुदीन ऐबक के द्वारा करवाया गया था। यूनेस्को के विश्व विरासत की सूची में शामिल इस इमारत की ऊँचाई लगभग 72 मीटर है। इमारत के शिखर तक चढ़ने के लिए 379 सीढियाँ बनी हुई है। इस इमारत के पास में ही एक लौह स्तंभ भी है, जिसे गरुड़ स्तंभ के नाम से जाना जाता है। इस स्तंभ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि लोहे से बने इस स्तंभ में आज तक जंग नही लगा है, जो अपने आप में अद्भूत है।
प्रवेश समय : सुबह के 7 बजे से शाम के 6 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : भारतीयों के लिए रूपये 40/- प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए रूपये 600/- प्रति व्यक्ति। 6 वर्ष तक बच्चे के प्रवेश पर कोई शुल्क नही लगता है, जबकि 6 से 12 वर्ष तक के भारतीय बच्चों से 10/- प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
6. लोटस टेम्पल (Lotus Temple)

कमल के फूल जैसी आकृति में निर्मित लोटस टेम्पल बहावी संप्रदाय का एक उपासना स्थल है। यहाँ पर किसी भी भगवान की मूर्ति नही है। 27 संगमरमर के पथरों से बना लोटस टेम्पल अपनी बेहतरीन वास्तुकला के कारण देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस मंदिर का डिज़ाइन ईरानी वास्तुकार फरीबर्ज सहबा ने तैयार किया था। यहाँ का शांत वातावरण मन को भाव विभोर कर देता है।
प्रवेश समय : गर्मी के मौसम में सुबह के 9.30 बजे से शाम के 7 बजे तक और सर्दियों में सुबह के 9.30 बजे से शाम के 5 बजे तक। सोमवार को यह बंद रहता है।
प्रवेश शुल्क : यहाँ घूमने के लिए कोई शुल्क नही लगता है।
7. छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple)

छतरपुर मंदिर, दिल्ली के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर देवी दुर्गा के छठे स्वरुप माता कात्यायनी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1974 में बाबा संत नागपाल ने करवाया था। लगभग 70 एकड़ में फैले इस मंदिर में माता कात्यायनी के अलावे हनुमान जी, शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई है। मंदिर के परिसर में ही एक पेड़ है, जिसके बारे में ऐसी मान्यता है कि यह पेड़ सभी की मनोकामना को पूरा करता है। अर्थात जो भी श्रद्धालु अपनी किसी इच्छा की पूर्ति के लिए इस पेड़ में धागा और चूड़िया बाँधते है, तो उनकी इच्छा जरुर पूरी हो जाती है।
प्रवेश समय : सुबह के 6 बजे से रात्रि के 9 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : यहाँ दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नही लगता है।
8. लक्ष्मी नारायण मंदिर (Lakshmi Narayan Temple)

सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से निर्मित लक्ष्मी नारायण मंदिर जिसे बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1938 हुआ था और इसका का उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने किया था। नागर शैली में बनी इस मंदिर में भारतीय और यूरोपीय वास्तुकला का प्रभाव देखने को मिलता है।
प्रवेश समय : सुबह के 4.30 बजे से दोपहर के 1.30 बजे तक और दोपहर के 2.30 बजे से रात्रि के 9 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : इस मंदिर में दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नही देना पड़ता है।
9. राष्ट्रीय रेल संग्रहालय (National Rail Museum)

राष्ट्रीय रेल संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1977 में हुई थी इस संग्रहालय में रेलवे से जुड़ी पुरानी चीजों जैसे डीजल इंजन, स्टीम इंजन, पुराने रेल के डिब्बे, सिग्नल का संग्रह किया गया है, जो भारतीय रेलवे की विरासत को दर्शाता है। इस म्यूज़ियम के अंदर एक थिएटर भी है, जहाँ रेल यात्रा और रेलवे इतिहास से जुड़ी फिल्मे दिखाई जाती है।
प्रवेश समय : सुबह के 9.30 बजे से शाम के 5.30 बजे तक सोमवार को संग्रहालय बंद रहता है।
प्रवेश शुल्क : भारतीय वयस्कों के लिए रूपये 50/- प्रति व्यक्ति एवं बच्चो के लिए 10 रूपये, विदेशी व्यस्क पर्यटकों के लिए रूपये 100/- प्रति व्यक्ति एवं विदेशी बच्चों के लिए 50 रूपये। 3-12 वर्ष तक के बच्चों के प्रवेश पर कोई शुल्क नही लगता है।
10. हुमायूँ का मकबरा (Humayun’s Tomb)

हुमायूँ का मकबरा एक ऐतिहासिक स्मारक है, जो मुगल शासक हुमायूँ का समाधि स्थल है। इसका निर्माण हुमायूँ की पत्नी हमीदा बानो ने वर्ष 1569 में करवाया था। यह मकबरा मुगलकालीन वास्तुकला का एक अद्भुत नजारा पेश करता है। अपनी अद्भुत वास्तुकला के कारण ही इसे UNESCO के विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
प्रवेश समय : सुबह के 6 बजे से शाम के 6 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : भारतीयों के लिए रूपये 40/- प्रति व्यक्ति जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए रूपये 600/- प्रति व्यक्ति।
11. जंतर मंतर (Jantar Mantar)

जंतर मंतर दिल्ली में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। वास्तव में यह एक खगोलशास्त्रीय वेधशाला है, जिसका निर्माण वर्ष 1724 में जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वितीय के द्वारा करवाया गया था। इस वेधशाला के निर्माण का समय की जानकारी, आकाशीय घटनाओं और ग्रह-नक्षत्रों की सटीक गणना करने के लिए की गई थी। सम्राट यंत्र, जय प्रकाश, राम यंत्र और मिश्र यंत्र इस वेधशाला के मुख्य उपकरण है। इनमे सबसे बड़ा उपकरण सम्राट यंत्र है, जिसका उपयोग सूर्य की स्थिति ज्ञात करके समय की सही-सही जानकारी प्राप्त करने में किया जाता है।
प्रवेश समय : सुबह के 6 बजे से शाम के 6 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : भारतीयों के लिए रूपये 15/- प्रति व्यक्ति जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए रूपये 200/- प्रति व्यक्ति।
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12. राज घाट (Raj Ghat)

यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित राज घाट राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का समाधि स्थल है, काले संगमरमर से बने इस समाधि स्थल पर उनके अंतिम शब्द “हे राम” को अंकित किया गया है। इसके चारो तरफ बहुत ही खूबसूरत पार्क है जहाँ अद्भूत शांति प्राप्त होती है।
प्रवेश समय : सुबह के 10 बजे से शाम के 5 बजे तक। सोमवार को बंद रहता है।
प्रवेश शुल्क : यहाँ घूमने के लिए कोई शुल्क नही लगता है।
13. जामा मस्जिद (Jama Masjid)

जामा मस्जिद भारत के सबसे बड़े मस्जिदों में से एक है, यह मुस्लिम समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इंडो-इस्लामिक वास्तुकला में बने इस मस्जिद का निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ के द्वारा करवाया गया था। इस मस्जिद का पूरा नाम “मस्जिद-ए-जामा” है, जो विशेषकर जुमे की नमाज के लिए बनाया गया था। इस मस्जिद की वस्तुकला देखने योग्य है।
प्रवेश समय : सुबह के 7 बजे से दोपहर के 12 बजे तक और दोपहर के 1.30 बजे से शाम के 6.30 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : यहाँ घूमने के लिए कोई शुल्क नही देना पड़ता है।
14. राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (National Zoological Park)

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (National Zoological Park) जो दिल्ली चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली में घूमने की जगहों में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1959 में वन्यजीवों के संरक्षण के उद्देश्य से हुई थी। इस चिड़ियाघर में मुख्य रूप से बाघ, शेर, हाथी, भालू, बंदर, शुतुरमुर्ग, बड़ी संख्या में पक्षी देखने को मिलते है। इन सभी में मुख्य आकर्षण का केंद्र शेर-पूँछ वाला मकाक और प्रवासी पक्षी है। इस चिड़ियाघर में पर्यटकों के लिए विशेष ट्रेन की सवारी भी उपलब्ध है।
प्रवेश समय : गर्मियों में सुबह के 8.30 बजे से शाम के 5.30 बजे तक और सर्दियों में सुबह के 9 बजे से शाम के 5 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : भारतीय वयस्कों के लिए रूपये 80/- प्रति व्यक्ति एवं 5 से 12 आयु वर्ग के बच्चो के लिए 40 रूपये, विदेशी व्यस्क पर्यटकों के लिए रूपये 400/- प्रति व्यक्ति एवं विदेशी बच्चों के लिए 200 रूपये। 5 वर्ष तक के बच्चों के प्रवेश पर कोई शुल्क नही लगता। फोटोग्राफी, ट्रेन की सवारी जैसे अन्य गतिविधियों के लिए अलग से शुल्क देना पड़ता है।
15. ओखला बर्ड सैंक्चुअरी (Okhla Bird Sanctuary)

ओखला बर्ड सैंक्चुअरी दिल्ली के दक्षिणी-पूर्वी भाग में ओखला बैराज के पास स्थित है। इसका की स्थापना वर्ष 1990 में की गई थी। 4.2 वर्ग किलोमीटर में फैले इस बर्ड सैंक्चुअरी में लगभग 300 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते है। पक्षी प्रेमियों के लिए यह स्थान बहुत ही उपयुक्त है।
प्रवेश समय : गर्मियों में सुबह के 7 बजे से शाम के 5.30 बजे तक और सर्दियों में सुबह के 7.30 बजे से शाम के 5 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : भारतीय के लिए रूपये 30/- प्रति व्यक्ति जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए रूपये 350/- प्रति व्यक्ति।
16. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial)

दिल्ली के कर्तव्यपथ (पुराना नाम-राज पथ) पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भारतीय सशस्त्र बलों के बलिदान की पहचान है। इस स्मारक का उद्घाटन 25 फरवरी 2019 को किया था। इस स्मारक में सेना के शहीद जवानों के नाम भी अंकित किये गये है। इस स्मारक के पास में ही एक म्यूजियम भी है, जिसमे भारतीय सैन्य बलों के वीरता से संबंधित प्रदर्शनी का आयोजन होता रहता है।
प्रवेश समय : गर्मियों में सुबह के 9 बजे से शाम के 7.30 बजे तक और सर्दियों में सुबह के 9 बजे से शाम के 6.30 बजे तक।
प्रवेश शुल्क : यहाँ घूमने के लिए कोई शुल्क नही देना पड़ता है।
17. बांग्ला साहिब (Bangla Sahib)

दिल्ली में स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब सिख धर्मावलम्बियों का बहुत ही प्रसिद्ध एवं पवित्र स्थल है। यह गुरुद्वारा सिखों के 8वें गुरु हर कृष्ण साहिब के नाम से जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह पर उन्होंने महामारी से पीड़ित हजारों लोगो की सेवा की थी। इस गुरूद्वारे में एक बड़ा सा सरोवर भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से तन और मन दोनों शुद्ध हो जाता है। यहाँ सालो भर लंगर चलता रहता है, जिसमे हजारो लोग बिना किसी भेद-भाव के मुफ्त में खाना खाते है। लंगर सुबह के 9 बजे से दोपहर के 3 बजे तक और शाम के 7 बजे से रात्रि के 10 बजे तक चलता है।
प्रवेश समय : 24 X 7
प्रवेश शुल्क : यहाँ दर्शन और प्रार्थना करने के लिए कोई शुल्क नही देना पड़ता है।
18. प्रगति मैदान (Pragati Maidan)

दिल्ली में स्थित प्रगति मैदान एक विशाल एवं भव्य प्रदर्शनी स्थल है, जो लगभग 150 एकड़ भू-भाग में फैला है। प्रत्येक वर्ष यहाँ लगभग 70-75 राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रदर्शनियों का आयोजन होता है, जिसमे विश्व पुस्तक मेला, ऑटो एक्सपो, आभूषण और रत्न मेला बहुत ज्यादा फेमस है। प्रत्येक वर्ष 14-27 नवंबर तक विश्व प्रसिद्ध India International Trade Fair का आयोजन किया जाता है, जिसमे देश-विदेश के लाखों पर्यटक शामिल होते है।
19. वेस्ट टू वंडर पार्क (Waste to Wonder Park)

वेस्ट टू वंडर पार्क जिसे सेवन वंडर पार्क के नाम से भी जाना जाता है, अपने आप में अनोखा एवं अद्भूत है। इस पार्क का उद्घाटन 21 फरवरी 2019 को किया गया था | टूटे हुए बिजली के खंभे, धातु की रेलिंग और अन्य बेकार वस्तुएं से बने इस पार्क सबसे बड़ा आकर्षण विश्व के 7 प्रसिद्ध स्मारकों की मूर्तियाँ है, जैसे : भारत का ताजमहल, फ्रांस का एफिल टॉवर, मिश्र का पिरामिड, अमेरिका का लिबर्टी ऑफ़ स्टैच्यू, लीनिंग टॉवर ऑफ़ पीसा, इटली का कोलोसियम और ऑस्ट्रेलिया का सिडनी ओपेरा हाउस जिसे देखना किसी रोमांच से कम नही है।
प्रवेश समय : सुबह के 11 बजे से रात्रि के 8 बजे तकै।
प्रवेश शुल्क : वयस्कों के लिए रूपये 50 और 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए रूपये 25/-।
20. कनॉट प्लेस (Connaught Place)

दिल्ली का कनॉट प्लेस, जो CP के नाम से मशहूर है, इस शहर का दिल है। अद्भूत एवं अद्वितीय गोलाकार डिज़ाइन में बना यह जगह दिल्ली का सबसे फेमस वाणिज्यिक क्षेत्रों में से एक है। इसका निर्माण वर्ष 1929 हुआ था और इस जगह का नामकरण ब्रिटिश शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ कनॉट प्रिंस आर्थर के नाम पर किया गया था। कनॉट प्लेस में विश्व के लगभग सभी फेमस ब्रांड के आउट लेट उपलब्ध है, जहाँ पर विदेशी पर्यटक प्राय: शॉपिंग करते दिख जाएंगे। इसके साथ ही साथ यहाँ पर कई सारे कैफे और रेस्टोरेंट उपलब्ध है, जिनमे आपको देश विदेश के लगभग सारे फेमस व्यंजन खाने को आसानी से मिल जाएंगे।
अंत में,
आज के इस आर्टिकल में Delhi me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से जाना। आशा करती हूँ की आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो अपने दोस्तों एवं अपने सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें। अगर आप इस आर्टिकल से जुड़े कोई भी सुझाव देना चाहते है या इससे सम्बंधित कोई अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट करके जरुर बताएं। thank you !

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Thanku
Bahut hi behtrin jankari..Keep it up nice work mam